इंसान को भगवान ने बेहद संवेदनशील , समर्थ और बुद्धिमान बनाया ताकि वह हर स्थिति में जीत कर एक मिसाल साबित हो लेकिन हद हो गयी यार इस शख्स ने तो भगवान को भी ललकारा अपने घमंड में चूर होकर। एक दिन यूं ही भगवान से क्यों न मिलें सोचकर एक महाशय निकले। सीधे जाकर भगवान से कहा मैं आपसे कुछ प्रश्न करना चाहता हूं। भगवान ने कहा ठीक है।
मैं क्यों आपकी पूजा करूं ? पहले जब इंसान ने किसी भी तरह की प्रगति नहीं की थी तब तक ठीक था लेकिन आज के समय में जब मैं अपना प्रतिरूप भी बनाने की हैसियत रखता हूं और अपनी मर्जी से जब चाहूं धरती और आसमान पर रह सकता हूं , मुझे कोई वजह नहीं दिखती कि मैं आपकी पूजा करूं। उसने स्वाभाविकतया ही जवाब की अपेक्षा मेँ भगवान का चेहरा थोड़े घमंड से देखा। प्रश्न सुनकर भगवान मुस्कुराये।
उन्होंने पूछा ,"मैंने तो आज तक किसी से मेरी पूजा करने की अपेक्षा ही नहीं की औरऔर न ही कुछ मांगा। ये तो आप लोग अपनी ही मर्जी से मुझे बिठाकर सवालों की बौछार से परेशान कर रहे हो।"
"ठीक है ऐसा ही समझें जैसा कि आपने कहा , क्या आप अभी इसी समय एक इंसान बना सकते हैं ?"
वह गर्व से उपेक्षा भरी हंसी हंसकर इस सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हो गया। भगवान ने उत्तर जैसा कि अपेक्षा थी पाया।
"जरूर , अभी इसी वक़्त,"
"आप जैसे इन्सान बनाएंगे , ठीक वैसे ही मैं बनाकर दिखाता हूं ,"
वह यह कहकर मिट्टी लेने को झुका , तब भगवान ने मुस्कुराते हुए कहा , "नहीं ,नहीं , नहीं , यह तो मेरी बनाई दुनिया है , तुम तुम्हारी दुनिया से मिट्टी लेकर आओ "
यह सुनकर वह उतरा चेहरा लिए लौट आया। भगवान ने अपना काम संभाला।
मैं क्यों आपकी पूजा करूं ? पहले जब इंसान ने किसी भी तरह की प्रगति नहीं की थी तब तक ठीक था लेकिन आज के समय में जब मैं अपना प्रतिरूप भी बनाने की हैसियत रखता हूं और अपनी मर्जी से जब चाहूं धरती और आसमान पर रह सकता हूं , मुझे कोई वजह नहीं दिखती कि मैं आपकी पूजा करूं। उसने स्वाभाविकतया ही जवाब की अपेक्षा मेँ भगवान का चेहरा थोड़े घमंड से देखा। प्रश्न सुनकर भगवान मुस्कुराये।
उन्होंने पूछा ,"मैंने तो आज तक किसी से मेरी पूजा करने की अपेक्षा ही नहीं की औरऔर न ही कुछ मांगा। ये तो आप लोग अपनी ही मर्जी से मुझे बिठाकर सवालों की बौछार से परेशान कर रहे हो।"
"ठीक है ऐसा ही समझें जैसा कि आपने कहा , क्या आप अभी इसी समय एक इंसान बना सकते हैं ?"
वह गर्व से उपेक्षा भरी हंसी हंसकर इस सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हो गया। भगवान ने उत्तर जैसा कि अपेक्षा थी पाया।
"जरूर , अभी इसी वक़्त,"
"आप जैसे इन्सान बनाएंगे , ठीक वैसे ही मैं बनाकर दिखाता हूं ,"
वह यह कहकर मिट्टी लेने को झुका , तब भगवान ने मुस्कुराते हुए कहा , "नहीं ,नहीं , नहीं , यह तो मेरी बनाई दुनिया है , तुम तुम्हारी दुनिया से मिट्टी लेकर आओ "
यह सुनकर वह उतरा चेहरा लिए लौट आया। भगवान ने अपना काम संभाला।